जैसा की सबके साथ होता है मेरा नाम भी बचपन में मेरे अविभावकों ने बड़े चाव से रखा था.....लेकिन अगर तब उन्हें पता होता कि मैं बड़ा होकर भी निरा बुद्धू बकस ही बना रहूंगा तो कम से कम मेरा नाम तो कम से कम होशियार रखा होता....खैर...अब इस ब्लाग को बनाते समय मुझे ये सौभाग्य मिला कि मै खुद अपना नाम रख सकूं तो बिना मौका गंवाये अपना नाम रख डाला....होशियार सिंह....हालाकि सारी दुनिया की तरह मैं ये भी जानता हूं कि आदमी उसी को छिपाने की कोशिश करता है जो वो होता है.....तो अपना नाम होशियार सिंह रखकर मैंने भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की है.....
.....होशियार सिंह
बुधवार, 6 अगस्त 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें